प्रेम
May 17, 2021
वह जिसे तुमने प्रेम जाना
अगर सच में होता प्रेम तो
तुमाहरे कलुषित मन को
पावन कर गया होता
अश्रु जो बहता परम प्रियतम की याद में
हृदय को प्रकाशित कर गया होता
ना होता व्यक्त शब्दोंं में
प्रेम जो जन्मता मौन से
न देह न पदार्थ न सम्बंध
पर आश्रित परम प्रेम
है चलता संसार जिसके आधार से
प्रेम में दो होते नहीं
रह जाता बस वो एक है
वह जो अनादि है
वह जो अनन्त है
वह जिससे जन्मा
स्वयं सत्य प्रेम है