प्रेम

Anupam Yadav
May 17, 2021

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वह जिसे तुमने प्रेम जाना

अगर सच में होता प्रेम तो

तुमाहरे कलुषित मन को

पावन कर गया होता

अश्रु जो बहता परम प्रियतम की याद में

हृदय को प्रकाशित कर गया होता

ना होता व्यक्त शब्दोंं में

प्रेम जो जन्मता मौन से

न देह न पदार्थ न सम्बंध

पर आश्रित परम प्रेम

है चलता संसार जिसके आधार से

प्रेम में दो होते नहीं

रह जाता बस वो एक है

वह जो अनादि है

वह जो अनन्त है

वह जिससे जन्मा

स्वयं सत्य प्रेम है

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Anupam Yadav
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Written by Anupam Yadav

Engineer, software developer, explorer, learner.

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